Friday, August 08, 2008

सपने

आह्खों में है धेह्रों सपने
उनको पूरा करने की चाहत
लेके चले है जिंदगी की रह में
पर नहीं संभालता दिल
जब टूट जाते है वो सपने
पर एक उम्मीद है इस दिल में
की कल सवेरा होगा
कल फ़िर से उजाला होगा
कल का सूरज एक नई किरण लेके आएगा
कल फ़िर से एक मैं एक और कदम चलूँगा

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